हमें हमेशा विश्वास है कि हम हमेशा रहेंगे। बुरी बातें हमेशा दूसरों के साथ होती हैं।
केवल तभी जब चीजें हमारे सिर पर टकराती हैं, जब आपको एहसास होता है कि ... जीवन इतना अप्रत्याशित है...।
मेरे पति एक आईटी इंजीनियर थे... तकनीकी विशेषज्ञ... और मैं एक चार्टर्ड एकाउंटेंट हूँ... बहुत बढ़िया संयोजन आप सोच सकते हैं ...
Techie आदमी तो सब कुछ उसके लैपटॉप पर है ... उसकी सूची करने के लिए ... उसका ई- बिल और उसके बैंक स्टेटमेंट उसके ईमेल मे... उसने एक फ़ोल्डर भी बना रखा है, जिसमें लिखा है कि IMPWDS ... जिसमें उसने अपने सभी ऑनलाइन खातों के लिए सभी लॉगिन आईडी और पासवर्ड संग्रहीत किए हैं ... और यहां तक कि उनके लैपटॉप में एक पासवर्ड था ... Techie आदमी इसलिए सभी पासवर्ड अल्फा-न्यूमेरिक थे ... कार्यालय नीति ने कहा कि पासवर्ड हर 30 दिनों में बदलने की आवश्यकता होती है ... इसलिए हर बार जब मैं लैपटॉप एक्सेस करती हूं तो एहसास हुआ कि यह फिर से एक नया पासवर्ड है ... मैं बस उसे याद करने के लिए तनाव लेने के बजाय 'व्हाट्स लेटेस्ट पासवर्ड' पूछने का विकल्प चुना।
आप सोच सकते हैं कि एक चार्टर्ड अकाउंटेंट होने का मतलब होगा कि सबकुछ डॉक्यूमेंटेड है और ठीक से फाइल किया गया है ... काश मेरे कई चार्टर्ड अकाउंटेंट दोस्त इस बात से सहमत होते कि हम अपने ऑफिस के डॉक्यूमेंट्स और पेपर्स के साथ जिस प्रैक्टिस को फॉलो करते हैं, वह घर में फ्लो नहीं करती... ऑफिस में आप विश्वसनीयता / सक्षम / मेहनती आदि के प्रतीक हैं, लेकिन घर में हमेशा एक ‘कल’…
एक सुबह मेरे पति ने ऑफिस से घर जाते समय एक बाइक दुर्घटना में अपनी जान गवा दी। वह सिर्फ 33 वर्ष का था ... उसका लैपटॉप उसके सभी डेटा के साथ दुर्घटनाग्रस्त हो गया ... उसकी हार्ड डिस्क पर सब कुछ मिट गया ... वापस करने के लिए संदर्भित करने के लिए IMPWDS का कोई फ़ोल्डर नहीं ... उस पर सभी नंबरों के साथ उसका मोबाइल टूट गया ... लेकिन यह सिर्फ शुरुआत थी ... मुझे एहसास हुआ मुझे बहुत कुछ सीखना था ...
9 साल में एक सबसे अच्छे इंसान से शादी… कोई बच्चे नहीं… बस हम दोनों सहारे के लिए… लेकिन अब मैं अकेली खड़ी थी और खो गई…
चार्टर्ड अकाउंटेंट होने के नाते एक से अधिक तरीकों से मदद मिली, लेकिन यह पर्याप्त नहीं था... मुझे मदद की ज़रूरत थी ... उनके बचत बैंक खातों, उनके वेतन बैंक खातों में कोई नामांकित व्यक्ति नहीं था ... उनके बीमा पर उनकी माँ नामित थीं और लगभग 2 साल पहले वह वह गुर्जर गई थी ... लेकिन यह सिर्फ एक शुरुआत थी ...। मुझे उनके ईमेल खाते का पासवर्ड नहीं पता था, जहां उनका सारे ई-बिल आते थे ... मुझे नहीं पता था कि खड़े निर्देशों के लिए उन्होंने कौन से खर्च का भुगतान किया था ...
उनके कार्यालय से बातचित भी आसान नहीं थी ... उनका विभाग हाल ही में बदल गया था ... मुझे उनके रिपोर्टिंग बॉस का नाम पता नहीं था ... जिनके साथ उन्होंने आखिरी बार अपने शिफ्ट भत्ते का दावा किया था ... उनका अंतिम मोबाइल प्रतिपूर्ति ...
जिस घर को हमने उत्साह के साथ खरीदा था ... एक ऋण पर ... अपने संयुक्त वेतन के साथ सोचा कि हम ईएमआई का खर्च उठा सकते हैं ... जब होम लोन के लोगों ने ऋण पर बीमा का सुझाव दिया ... हमने प्रीमियम का भुगतान करने के बजाय ईएमआई पर अंतर का फैसला किया - बीमा का उपयोग ऋण के पूर्व भुगतान के लिए किया जा सकता है और कार्यकाल घटाया जा सकता है ... हमने कभी नहीं सोचा था कि अगर हम एक ही वेतन पर रहते हैं तो हम क्या करेंगे ... तो अब सामने बहुत बड़ी ईएमआई थी ...
मुझे एहसास हुआ कि मैं एक लंबी दौड़ मे हूँ..
सड़क दुर्घटना का मामला ... इसलिए हर जगह मुझे डेथ सर्टिफिकेट, एफआईआर रिपोर्ट, पोस्टमार्टम रिपोर्ट की जरूरत थी ... हर चीज के लिए पन्नों में चल रहे फॉर्म थे ... क्षतिपूर्ति बांड ... नोटरी ... आपके लिए खड़े होने की निश्चितता ... आपके सह-उत्तराधिकारियों से कोई न-आपत्ति (NOC) प्रमाण पत्र।
मैंने सीखा के आपके घर के आलावा आपकी जगह, आपकी बाइक, आपकी कार भी आपकी जायदाद होती है। तो क्या हुआ अगर आप फ्लैट के संयुक्त मालिक हैं... तो आप सिर्फ इसलिए मालिक नहीं बन जाते क्योंकि आपका पति अब नई रहे ... तो क्या होगा यदि आपका पति बाइक दुर्घटना में गुजर गया है ... और आप नामांकित व्यक्ति हैं, लेकिन यदि बाइक मरम्मत योग्य स्थिति में है ... तो आपको बीमा का दावा करने के लिए बाइक को अपने नाम पर स्थानांतरित करना होगा ... और फिर से आसान नहीं था ... बाइक या कार को दस्तावेजों के एक सेट के माध्यम से जाने के बिना आपके नाम पर स्थानांतरित नहीं किया जा सकता है… उत्तराधिकार प्रमाणपत्र प्राप्त करना एक अलग संघर्ष है …
फिर समय आ गया जब आपको एहसास होता है कि आपको अपने नाम से सभी बिलों, परिसंपत्तियों को बदलना शुरू करना होगा ... आपका गैस कनेक्शन, बिजली का मीटर, आपका अपना घर, आपकी कार, आपके निवेश और सभी तरह के सामान ... और फिर उन सभी नामांकनों को बदल दें जहां व्यक्तिगत निवेश का संबंध है ... और फिर से कागजी कार्रवाई के एक नए सेट की शुरुआत ...
यु कहें के मैं हिल गई थी ... मेरा पूरा जीवन बस उल्टा हो गया था एक ख़ामोशी थी ... आपको एहसास है कि आपके पास उस व्यक्ति के लिए शोक और शोक करने का समय नहीं है जिसके साथ आप अपने जीवन के सबसे अच्छे साल बिताते हैं ... क्योंकि आप सभी व्यस्त हैं कागजी कार्य मे …
मुझे एहसास हुआ कि मैंने जीवन को कितना संभाला ... मुझे लगा कि एक चार्टर्ड अकाउंटेंट होने के नाते मैं बहुत मुश्किलों से गुजर रही हूं ... किसी ऐसे व्यक्ति के साथ क्या होगा जो गृहिणी है और जो इस कानूनी मुश्किलों को नहीं समझ पाए ...
एक प्यारे दोस्त ने मुझे बताया कि, यह अंत नहीं था ... आपकी कोई संतान नहीं है ... आपकी संपत्ति उन सभी के लिए होगी जो दावा करने के लिए खड़े होंगे ... मेरे पति की अचानक मृत्यु के बाद ... मुझे एहसास हुआ कि मुझे जीवन को गंभीरता से लेने में समय लगा था ... मुझे अब Will बनाने की आवश्यकता थी - यदि आप कुछ महीने पहले मुझे Will बनाने के लिए कहते, तो मुझे हंसी आती ... लेकिन अब जिंदगी ने एक मोड़ ले लिया है ...
सबक सीखा कि इस कठिन तरीके को साझा किया जाना था ... ऐसे लोग जो आपसे सबसे ज्यादा प्यार करते है वो क्यों मुश्किलों का समना करे जब आप इस दुनिया मे नई रहो ... कुछ कागजी कार्रवाई को छाँटने से हम कम से कम उनके कुछ दुःखों को कम कर पाएं ...
1. अपने सभी नामांकन की जाँच करें …
नाम लिखना सामान्य बात है (यदि आपने इसका उल्लेख किया है तो पहली जगह में) और उसके बारे में भूल जाएं। हममें से अधिकांश ने अपने माता-पिता का नाम निवेश के लिए नामित किया है, शादी से पहले बैंक खाते खोले गए। हमने उन वर्षों के बाद भी उन्हें नहीं बदला है क्योंकि वे अब हमारे साथ नहीं हैं। यहां तक कि आपके वेतन खाते में भी आमतौर पर कोई नामांकन नहीं होता है। कृपया अपने सभी नामांकन जांचें ...
- बैंक खाते
- फिक्स्ड डिपॉजिट, एनएससी
- बैंक लॉकर
- डीमैट खाते
- बीमा (जीवन, बाइक या कार या संपत्ति)
- निवेश
- पीएफ और पेंशन फॉर्म
2. पासवर्ड…।
हमारे पास व्यावहारिक रूप से सब कुछ के लिए पासवर्ड हैं ... ईमेल खाते, बैंक खाते, यहां तक कि आपके द्वारा उपयोग किए जाने वाले लैपटॉप के लिए भी ... क्या होता है जब आपके परिजनों में से कोई भी इनमें से किसी का भी उपयोग नहीं कर सकता है क्योंकि वे आपके पासवर्ड को नहीं जानते हैं ... इसे एक कागज पर रख दें ...
3. निवेश (Investment) ...
कर उद्देश्य के लिए हर साल हम निवेश करते हैं ... क्या हम इसके बारे में एक एक्सेल शीट बनाए रखते हैं ... यदि ऐसा है तो यह उसी लैपटॉप पर है जिस पासवर्ड को आपने साझा नहीं किया था ... वे भौतिक निवेश हार्ड कॉपी कहां हैं ...
4. विल (Will)
एक वसीयत बनाओ ... मुझे पता है कि तुम भी मुस्कुराओगे ... अगर मरे पास वसीयत होती तो... यह मेरे जीवन को बहुत आसान बना देती ... बहुत कम कागजी कार्रवाई ... मुझे क्षतिपूर्ति बांड प्रदान नहीं करना पड़ता, उसकी नोटरी नई करनी पड़ती, दूसरों से कोई न आपत्ति(NOC) प्रमाण पत्र की जरुरत नहीं ...
5. देयताएं (Liabilities) ...
जब आप अपने घर या कार के लिए लोन लेते हैं तो ... सभी सम्भावनाओ को जांच ले ... क्या होगा अगर मैं अपनी नौकरी खो दूं ... क्या ईएमआई अभी भी मेरी सीमा के भीतर होगी ...अगर नई तोह ऋण पर बिमा कर ले ... पीछे रह गए लोगों को अपने घर के लिए चिंता करने की ज़रूरत नहीं होगी ...
मेरी लड़ाई अभी शुरू हुई है ... लेकिन हम कम से कम कोशिश करें और कुछ बदलाव करें ताकि हमारे जाने के बाद हमारे प्रियजनों को नुकसान न हो ... हमें नहीं पता कि भविष्य में क्या होगा ... लेकिन जैसा कि स्काउट आदर्श वाक्य है: तैयार रहें ...
ध्यान दें:
हमारे पास FIDOK (वित्तीय सूचना और दस्तावेज़ आयोजक किट) नामक एक tool है, जिसका उपयोग आपकी सभी प्रासंगिक जानकारी को प्रबंधित करने के लिए किया जाता है। जो लोग इसे पाने में रुचि रखते हैं, कृपया अपने अनुरोध को मेल करें: support@gilaniwealth.com या 8888 477 507 पर WhatsApp
Dear All,
Last week I came across an interesting blog shared in our group; and it struck a chord. It was an incident shared by a CA (Priya) and the experience that incident brought her in her life. It was an awakening which can't be ignored. I wished to share it with all of you so that you can also benefit and learn from Priya’s experience. We were in the process of starting our own blog so that i can reach out to you and share and discuss the common financial issues we face and in the process also derive a solution which may allay those issues. To that endeavor, I feel, this blog is a fitting start.
Also we have made an effort at translating the post in Hindi for your convenience which will be shared as a separate post.
Please take out a few minutes to read this and share your valuable comments.
Happy reading.
GW.
Link to the original blog. : http://thingslearntaftermithun.blogspot.com/
The Blog Post.
We always believe we will live forever. Bad things always happen to others.
Only when things hit us bang on your head you realise... Life is so unpredictable....
My husband was an IT guy…all techie…And I am a chartered accountant…Awesome combination you may think…
Techie guy so everything is on his laptop…his to do list… his e-bill and his bank statements in his email… … He even maintained a folder which said IMPWDS…wherein he stored all login id and passwords for all his online accounts…And even his laptop had a password… Techie guy so all the passwords were alpha-numeric with a special character not an easy one to crack…Office policy said passwords needed to be changed every 30 days…So every time I accessed his laptop I would realise it’s a new password again… I would simply opt for asking him ‘What’s the latest password’ instead of taking the strain to memorise it.
You may think me being a Chartered Accountant would means everything is documented and filed properly… Alas many of my chartered accountant friends would agree that the precision we follow with our office documents and papers do not flow in to day to day home life… At office you have be epitome of Reliability / Competent / Diligent etc but… at home front there is always a tomorrow…
One fine morning my hubby expired in a bike accident on his way home from office…. He was just 33…His laptop with all his data crashed…everything on his hard disk wiped off…No folder of IMPWDS to refer back to…His mobile with all the numbers on it was smashed…But that was just the beginning… I realised I had lot to learn…
9 years married to one of the best human beings…with no kids…just the two of us to fall back on….but now I stood all alone and lost…
Being chartered accountant helped in more ways than one but it was not enough… I needed help…His saving bank accounts, his salary bank accounts had no nominee…On his insurance his mom was the nominee and it was almost 2 years back she had expired… but this was just a start…. I didn’t know the password to his email account where all his e-bill came…I didn’t know which expenses he paid by standing instructions…
His office front too was not easy… His department had changed recently…I didn't know his reporting boss name to start with…when had he last claimed his shift allowance…his mobile reimbursement…
The house we bought with all the excitement…on a loan…thought with our joint salary we could afford the EMI…when the home loans guys suggested insurance on the loan…we decided the instead of paying the premium the difference in the EMI on account of the insurance could be used pay towards prepayment of the loan and get the tenure down…We never thought what we would do if we have to live on a single salary…So now there was huge EMI to look into …
I realised I was in for a long haul…
Road accident case… so everywhere I needed a Death certificate, FIR report, Post Mortem report… For everything there were forms running into pages…indemnity bonds…notary…surety to stand up for you…No objections certificates from your co-heirs..
I learnt other than your house, your land … your car, your bike are also your property... So what if you are the joint owner of the flat…you don’t become the owner just because your hubby is no more… So what if your hubby expired in the bike accident…and you are the nominee but if the bike is in a repairable condition …you have to get the bike transferred in your name to claim the insurance…And that was again not easy… the bike or car cannot be transferred in your name without going through a set of legal documents… Getting a Succession Certificate is another battle all together…
Then came the time you realise now you have to start changing all the bills, assets in your name…Your gas connection, electricity meter, your own house, your car, your investments and all sundries… And then change all the nominations where your own investments are concerned…And again a start of a new set of paperwork…
To say I was shaken…my whole life had just turned upside down was an understatement…You realise you don’t have time to mourn and grieve for the person with whom you spend the best years of your life… because you are busy sorting all the paper work…
I realised then how much I took life for granted…I thought being a chartered accountant I am undergoing so many difficulties…what would have happened to someone who was home maker who wouldn’t understand this legal hotchpotch…
A sweet friend then told me dear this was not an end…you have no kids…your assets will be for all who stand to claim…after my hubby’s sudden death…I realised it was time I took life more seriously… I now needed to make a Will… I would have laughed if a few months back if he had asked me to make one…But now life had taken a twist…
Lessons learnt this hard way were meant to be shared…After all why should the people whom we love the most suffer after we are no more…Sorting some paperwork before we go will at least ease some of their grief…
1. Check all your nominations...
It’s a usual practice to put a name (i.e in the first place if you have mentioned it) and royally forget about it. Most of us have named our parent as a nominee for investments, bank accounts opened before marriage. We have not changed the same even years after they are no longer there with us. Even your salary account usually has no nomination…. Kindly check all your Nominations…
- Bank Accounts
- Fixed Deposits, NSC
- Bank Lockers
- Demat Accounts
- Insurance (Life, Bike or Car or Property)
- Investments
- PF & Pension Forms
2. Passwords….
We have passwords for practically everything… Email accounts, Bank accounts, even for the laptop you use… What happens when your next in kin cannot access any of these simply because they do not know your password... Put it down on a paper…
3. Investments…
Every year for tax purpose we do investments… Do we maintain a excel sheet about it… If so is it on the same laptop of which the password you had not shared… Where are those physical investments hard copy…
4. Will…
Make a Will…I know you will smile even I would…had I not gone through all what I did…It would have made my life lot easier…a lot less paperwork…I wouldn’t had to provide an indemnity bond, get it notarised, ask surety to stand up, no objections certificates from others...
5. Liabilities…
When you take a loan say for your house or car…Check out on all the what ifs…what if I am not there tomorrow…what if I loose my job…Will the EMI still be within my range…If not get an insurance on the loan…The people left behind will not have to worry on something as basic as their own house…
My battles has just begun...But let us at least try and make few changes so that our loved ones would not suffer after we go…We do not know what will happen in the future…But as the Scout motto goes: Be prepared…
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